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जोगणिया माता भीलवाड़ा राजस्थान एक दिवसीय यात्रा

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जोगणिया माता मंदिर से सटा पहाड़ी जंगल सभी दोस्तों को नमस्कार यह मेरी एक दिवसीय यात्रा हे मेरे दोस्त या कह सकते हैं की मेरे बड़े साले जी ने प्लान बनाया कि आज राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक दर्शनार्थ तीर्थ स्थल है वहां पर माता जोगणिया जी विराजमान है। तो आज रविवार का दिन है हम दोनों आज जोगणिया माता चलते हैं मैं भी उस दिन फ्री था तो मैंने भी चलने की तुरंत हां कर दी उन्होंने कहा कि मैं अभी आ रहा हूं आपके वहां आपकी बाइक लेकर चलते हैं और उन्हें आने के लिए बोल दिया वह आधे घंटे बाद हमारे यहां आ गए और हम दोनों निकल लिए। वहां से दो किलोमीटर दूर पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाया ओर चल दिये माता जी के धाम की ओर बाइक पर हम दोनों आराम से खेतों को देखते हुए जा रहे कहि कहि मानसूनी बारिश से खेतों में बोवनी करदी गई हैं ।अब 50 किलोमीटर की दूरी तय कर हम नीमच जिले की तहसील मनासा में पहुँच गए थे गूगल मैप में रास्ता देख पुनः आगे बढ़ गए ।यहा से पिपलिया राव जी नाम से गांव में होते हुए हम मोरवन बांध के पास नीमच रतनगढ़ मार्ग पर पहुच गए यहा हमने एक ढाबे पर जाकर चाय पी ओर रवाना हो गए । यहा से मैने अपने यात्रा चर्चा

नोहराधार से रेणुका जी और दिल्ली वापसी हिमाचल यात्रा

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नमस्ते दोस्तों फिर लेकर हाजिर हूँ अपनी हिमाचल यात्रा का अगला भाग 6 चुड़ेश्वर महादेव के दर्शन करने के बाद हम लोग आराम से नोहराधार पहुचे बींच रस्ते में अनुभव भाई ने मुझसे कहा कि आप मेरे साथ चलो पठानकोट होते हुए माता वैष्णो देवी के दर्शन कर आते है। अनुभव भाई हर माह माता के दरबार में दर्शन करने जाते है। परन्तु यहा एक समस्या आ गयी वो ये थी की कल जब हम नोहराधार से चले थे उस समय मेने अपने भाई को घर फ़ोन कर जानकारी दी थी पर उसने बोला की में अभी मंदसौर आया हूँ मम्मी की तबियत खराब है। और जब आज सुबह भी जब टॉप पर था उस समय भी पिताजी का फ़ोन आ गया था पर नेटवर्क न होने के कारण बात न हो सकी। जाट देवता के फ़ोन से भी कॉल की गयी पर कॉल नेटवर्क की वजह से नही लगी यह कारण मेने अनुभव भाई को बताया। नोहराधार से अनुभव भाई को बस में बैठाकर हम सभी माता रेणुका जी के दर्शन करने के लिए नोहराधार से शाम 4:30 पर रवाना हुए। यहा से पहाड़ो से दिखती हुई वैली अत्यन्त ही मनमोहक लग रही थी घुमावदार रोड जैसे कोई सर्प ही हो गाड़ी में अपनी सीट अगर पहाड़ की तरफ हो तो कोई डर नही मगर खाई की तरफ होतो सारा खून घुटनो में आ जाता है जैसे ह

चूडधार यात्रा हिमाचल भाग 5

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नमस्ते दोस्तों तो में फिर लेकर आया हूँ अपनी चूड़धार यात्रा भाग 5 पेगोडा शैली में बना शिरगुल देवता का मंदिर अब तक आपने पढ़ा किस तरह हम नो दोस्तों के ग्रुप ने यह कठिनतम यात्रा लगभग आठ से नो घंटे में पूरी की और पहुच गये शिरगुल महाराज के मंदिर तक यहा पहुचने पर पता लगा की यहा की सभी धर्मशालाए पूरी भर चुकी है और कही भी खाली जगह मिलना मुश्किल है। जाट देवता ने सभी को भोजन करने का बोला तो हम सब बारी बारी से होटल में जाकर भोजन किया खाने में चावल रोटी और राजमे की सब्जी थी भीड़ को देखते हुए वहा भी विशेष व्यवस्था नही थी और चावल में नही खाता थोड़ा बहुत खाना खाया और बाहर आ गया। अब धीरे धीरे बाकि सदस्य भी भोजन करने चले गए अब दिल्ली जब जाट देवता के घर पर था तो उन्होंने मुझे एक नंबर दिए पंकज जायसवाल जी के मेने वो नंबर सेव कर लिए थे अब रात में अगर बाहर रुकना होतो सुबह तक सभी की कुल्फी जम जाती अब जाट भाई बोले की जो खाना खा रहे है वो सभी यहा से 100 फिट दूर एक विश्राम स्थल है वहा आ जाना और हम चल दिए नीचे उस कॉटेज की और वहा पहुचने पर पंकज जायसवाल जी मिले बड़े ही मिलनसार और घुम्मकड़ भाई है जो नाहन से है। और

चूड़धार यात्रा भाग 4

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अब तक आपने पढ़ा की हम सात भाई गाड़ी में बैठ कर चूड़धार के लिए आगे बड़े हरियाणा की सीमा खत्म होने के बाद इस रोड पर पंजाब का थोड़ा सा क्षेत्र आता है। जहाँ हमे हमारी कार का परमिट कटवाया अनिल और संदीप भाई दोनों गये परमिट बनवाने। मे और कमल भाई पास में बनी एक शॉप पर गये। मे ठन्डे पानी की तलाश में गया और वो लस्सी लेकर पिने लगे उन्होंने मुझसे भी कहा की तुम भी लो पर मुझे पानी की तलाश थी जो वह नही मिला और लस्सी पिने का मेरा कोई विचार नही था तब तक परमिट लेकर दोनों भाई आ गए ओर हम चल पड़े इसके बाद मुझे थोड़ी नींद आ गयी । नींद खुली तो देखा पहाड़ दिखने लगे है। और दिन भी निकल आया है।  कुछ देर में परवाणु पहुच गये परवाणु में सर्योदय यहा एक चेक पोस्ट के पास होटल में चाय वगेरा पी और निकल गए हरी भरी और ठंडी वादिया देखते हुए नोहराधार की और बड़े जा रहे थे। करीब 9:30 पर राजगढ़ में एक होटल पर फ्रेश हुए और एक एक दो दो पराठे दही के साथ खा कर चाय पी और निकल लिए लगभग 1 घंटे बाद हम लोग नोहराधार पहूच गये। यहा एक होटल वाले ने कार पार्किंग के लिए बढ़िया जगह दिखाई उसी के यहा एक एक आलू का पराठा सबने पैक करवाया यहा हमारे दो स