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नोहराधार से रेणुका जी और दिल्ली वापसी हिमाचल यात्रा

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नमस्ते दोस्तों फिर लेकर हाजिर हूँ अपनी हिमाचल यात्रा का अगला भाग 6 चुड़ेश्वर महादेव के दर्शन करने के बाद हम लोग आराम से नोहराधार पहुचे बींच रस्ते में अनुभव भाई ने मुझसे कहा कि आप मेरे साथ चलो पठानकोट होते हुए माता वैष्णो देवी के दर्शन कर आते है। अनुभव भाई हर माह माता के दरबार में दर्शन करने जाते है। परन्तु यहा एक समस्या आ गयी वो ये थी की कल जब हम नोहराधार से चले थे उस समय मेने अपने भाई को घर फ़ोन कर जानकारी दी थी पर उसने बोला की में अभी मंदसौर आया हूँ मम्मी की तबियत खराब है। और जब आज सुबह भी जब टॉप पर था उस समय भी पिताजी का फ़ोन आ गया था पर नेटवर्क न होने के कारण बात न हो सकी। जाट देवता के फ़ोन से भी कॉल की गयी पर कॉल नेटवर्क की वजह से नही लगी यह कारण मेने अनुभव भाई को बताया। नोहराधार से अनुभव भाई को बस में बैठाकर हम सभी माता रेणुका जी के दर्शन करने के लिए नोहराधार से शाम 4:30 पर रवाना हुए। यहा से पहाड़ो से दिखती हुई वैली अत्यन्त ही मनमोहक लग रही थी घुमावदार रोड जैसे कोई सर्प ही हो गाड़ी में अपनी सीट अगर पहाड़ की तरफ हो तो कोई डर नही मगर खाई की तरफ होतो सारा खून घुटनो में आ जाता है जैसे ह