चूडधार यात्रा हिमाचल भाग 5
नमस्ते दोस्तों तो में फिर लेकर आया हूँ अपनी चूड़धार यात्रा भाग 5 पेगोडा शैली में बना शिरगुल देवता का मंदिर अब तक आपने पढ़ा किस तरह हम नो दोस्तों के ग्रुप ने यह कठिनतम यात्रा लगभग आठ से नो घंटे में पूरी की और पहुच गये शिरगुल महाराज के मंदिर तक यहा पहुचने पर पता लगा की यहा की सभी धर्मशालाए पूरी भर चुकी है और कही भी खाली जगह मिलना मुश्किल है। जाट देवता ने सभी को भोजन करने का बोला तो हम सब बारी बारी से होटल में जाकर भोजन किया खाने में चावल रोटी और राजमे की सब्जी थी भीड़ को देखते हुए वहा भी विशेष व्यवस्था नही थी और चावल में नही खाता थोड़ा बहुत खाना खाया और बाहर आ गया। अब धीरे धीरे बाकि सदस्य भी भोजन करने चले गए अब दिल्ली जब जाट देवता के घर पर था तो उन्होंने मुझे एक नंबर दिए पंकज जायसवाल जी के मेने वो नंबर सेव कर लिए थे अब रात में अगर बाहर रुकना होतो सुबह तक सभी की कुल्फी जम जाती अब जाट भाई बोले की जो खाना खा रहे है वो सभी यहा से 100 फिट दूर एक विश्राम स्थल है वहा आ जाना और हम चल दिए नीचे उस कॉटेज की और वहा पहुचने पर पंकज जायसवाल जी मिले बड़े ही मिलनसार और घुम्मकड़ भाई है जो नाहन से है। और...