चूड़धार यात्रा तैयारी भाग 1

आज अपना पहला यात्रा अनुभव आप लोगो से साझा करने
चुड़ेश्वर महादेव की जय
जा रहा हूँ। इस ब्लॉग को लिखने से पहले कहा से शुरुवात करू कुछ समझ में नही आता काम के झमेले में आज कल जिन्दगी ही ऐसी हो गयी है... चलिये खेर मेरे हिंदी लेखन में होने वाली गलतियों / त्रुटियो पर आप सबसे पहली और आखरी बार क्षमा मांग लेता हूँ... आशा है आप सब मेरा उत्साहवर्धन कर त्रुटियों पर ध्यान न दे और यात्रा अनुभवों का मजा लेंगे!!
2016 दीपावली के कुछ दिन बाद हमारे घुम्मकड़ गुरु संदीप पंवार जाट देवता जी ने व्हाट्सएप्प ग्रुप पर एलान किया कि चुड़ेश्वर महादेव यात्रा पर ग्रुप की एक मीटिंग रखी जाए। वैसे ग्रुप की किसी भी मीटिंग में मे शामिल नही हो सका था।
 दिन निश्चित करने के लिए वार्ता हुई तो काम के हिसाब और बर्फ़बारी बंद होने के बाद 12 अप्रैल तारीख तय हुई बहुत से साथियो ने यहा चलने की हामी भरी धीरे-धीरे अप्रैल महीना नजदीक आ गया पर ये क्या?
उस समय दो चीजें मेरे लिए महत्वपूर्ण थी। पहली मेरे घर नया मेहमान आने वाला था दूसरी खेती किसानी से जुड़ा हुआ आदमी हूँ। हमारे इधर एक बहुत धूर्त खेती होती है अफीम की, अरे आप ये मत समझना की यह खेती गैरकानूनी तरीके होती है नही भाइयो पूरी देखरेख और केंद्र सरकार के दिए हुए पट्टे(लाइसेंस)के द्वार होती है। जिसकी देख-रेख नारकोटिक्स विभाग करता है।
नारकोटिक्स ऑफिस मंदसौर जो किसी ज़माने में ग्वालियर स्टेट की जेल हुआ करती थी
चलो छोड़ो बहुत हो गयी खेती। बात मुद्दे की करते है कहते है जब तक उसका बुलावा नही आता आप कितने ही प्रयत्न कर लो आप सफल कभी नही हो सकते।

11 12 13 अप्रैल नारकोटिकस विभाग ने बुला लिया
ओफीम तोल का काम 3 दिन से हुआ

हमारे गांव का मुखिया(लंबरदार) में ही हूँ इसलिए सारे गांव की अफीम तोल कर जमा करने का जिम्मा मेरे ऊपर था। यह बात जैसे ही पता चली मेने ग्रुप मीटिंग पर न आ पाने की अर्जी लगा दी। धीरे धीरे और साथियों ने भी नही आ पाने की अर्जियां लगा दी जाट देवता ने यह यात्रा स्थगित कर अगले महीने रख ली तारीख 12 ही तय हुई इधर फिर से यात्रा का कीड़ा काटने लगा तो इस बार इस तारीख पर जाने का फैसला पूर्ण रूप से मंजूर कर लिया। अब सीधी ट्रैन एक ही चलती है जो मंदसौर से मेरठ के लिए रोजाना चलती है। आरक्षण करने के लिए चेक किया तो वेटिंग बता रहा था पर आर ए सी में सीट उपलब्ध थी। अब पहली बार मोबाइल से ऑनलाइन सीट बुक कर रहा था तो कुछ समझ में नही आ रहा था तो इस पर सचिन कुमार जांगड़ा जी से सहायता ली उन्होंने बहुत सहायता की। अब सीट बुक करनी थी। उससे पहले मेरे बड़े साले जी साले बाद में पहले दोस्त कह लो शादी से पहले से हम ने साथ में पढाई भी की है दोनों में दोस्तों जैसा व्यवहार है। उनका नाम चरण सिंह है जो एक शिक्षक है। उनसे बात की पहले तो मुझे मना कर रहे थे पर मैने साफ कह दिया के इस बार तो 100 प्रतिशत जाना है।तो वह बोले आपको अकेले नही जाने दे सकता। 
तो क्या करे आप भी चलो साथ में उन्होंने भी साथ चलने की बात पर मोहर लगा दी। फिर दोनों का आरक्षण साथ में कर दिया। 11 मई को दोपहर 2 बजे हमारी ट्रेन थी जिसके बारे में मैने उन्हें पहले ही सूचित कर दिया उससे पहले हमने नए जुते जो पहाड़ो पर चलने लायक हो ख़रीदे छोटी मोटी खरीदारी कर 11 मई का इंतज़ार करने लगे। बाकि अगले भाग में ......
हमारी गुड़िया युवांशी 16 अप्रेल को लक्ष्मी रूप में हमारे घर आयी

टिप्पणियाँ

  1. कभी हाँ, कभी ना,
    चूडधार महादेव ने बहुत दिन लगा दिये दर्शन देने में,
    अच्छी शुरुआत है। मेहनत करते रहो, किसान के साथ बढिया ब्लालागर भी बन जाओगे।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद गुरु देव आप के सानिध्य में अब ऐसे यात्रा विवरण लिखने का तजुर्बा हासिल होता रहेगा

      हटाएं
  2. कभी हाँ, कभी ना,
    चूडधार महादेव ने बहुत दिन लगा दिये दर्शन देने में,
    अच्छी शुरुआत है। मेहनत करते रहो, किसान के साथ बढिया ब्लालागर भी बन जाओगे।

    जवाब देंहटाएं
  3. लगे रहो भाई समय के साथ सब सीख जाओगे। ब्लागिंग में स्वागत है आपका

    जवाब देंहटाएं
  4. किसान से ब्लॉगर क्या मस्त सफर हे भाई । यात्रा की तैयारी और उसमे आई कठिनाई तो पड़ ली । अब अगले लेख का इंतजार

    जवाब देंहटाएं
  5. अभी यात्रा में डूबे थे की अगले भाग में ---- अगला भाग जल्दी। बेहतरीन शुरुआत।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढिया भाई जी

    थोड़ा और बड़ा लिखते बहुत छोटी पोस्ट है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद अनिल भाई
      पहली बार लिखा है इस लिए पूरा ज्ञान नही है अगली बार कोशिश की जायेगी

      हटाएं
  7. बोहुत बढ़िया लोकेन्द्र जी

    जवाब देंहटाएं
  8. भाई कुछ प्रोग्राम तो मेरे कारन भी लेट हुआ

    जवाब देंहटाएं
  9. नही भाई आप न होते तो कुल्फी जम जाती हमारी उस रात और आप जैसे अच्छे मित्र किस्मत वालो को मिलते है
    यात्रा ब्लॉग का निरीक्षण करने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. कही भी नही लगा कि आपने पहली बार लिखा है
    शानदार लोकेंद्र भाई
    नित नए आयाम छूते रहिये
    हार्दिक शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  11. लोकेन्द्र भाई आप का स्वागत है। इस यात्रा की छोटी से छोटी बात जरूर लिखना
    गुड़िया की बहुत बहुत बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  12. सुशिल भाई साब आपका बहूत बहुत धन्यवाद जी छोटी छोटी बातों से ही ब्लॉग लिखने और पढ़ने का आंनद आता है

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही शानदार सुरवात लोकेंद्रभाई, आप तो प्रोफेसनल ब्लॉगर लग रहे है

    जवाब देंहटाएं
  14. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  15. आप मित्रों का साथ रहा तो एक ब्लॉगर बन जाऊंगा
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  16. आपकी लक्ष्मी युवांशी के दर्शन हो ही गए

    जवाब देंहटाएं
  17. ​शानदार शुरुआत लोकेन्द्र जी !! और घर में लक्ष्मी के आने की बधाई ! आगे पढता हूँ

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राजस्थान की एक अनछुई जगह गौतमेश्वर महादेव मंदिर

जोगणिया माता भीलवाड़ा राजस्थान एक दिवसीय यात्रा

राजस्थान के चित्तौरगढ़ के मुख्य मन्दिरो की यात्रा