नमस्कार साथियो काफी समय से में ब्लॉगिंग के लिए समय नही दे पा रहा था तो अब एक नई यात्रा ब्लॉग में यात्रा करने लायक जगह का जिक्र है तो पढ़िए ओर घुमक्कड़ी करते रहिए। इस यात्रा ब्लॉग में कुछ गलती हुई होतो क्षमा करें दीपावली के बाद से छुटि्टयों के दौरान जहां पड़ोस के उदयपुर चित्तौड़गढ़ जिलों में पर्यटकों की बहार है, लेकिन ये लोग प्रतापगढ़ का रुख नहीं करते। प्रतापगढ़ भले ही पिछड़ा जिला माना जाता है, लेकिन यहां भी दो-दो किले कई दर्शनीय स्थल, बांध, झरने और अभयारण्य हैं, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से इनकी खास पहचान अब तक नहीं बन पाई है। प्रशासन के स्तर पर भी इसके लिए कभी शिद्दत से प्रयास नहीं हुए। 26 जनवरी 2008 को बना यह जिला अपने प्राचीन और पौराणिक संदर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है। विडंबना यह है कि उदयपुर-राजसमंद के बाद चित्तौड़गढ़ जिले के दुर्ग और सांवलियाजी जैसे स्थलों पर पर्यटक बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन कुछ ही किलोमीटर दूर प्रतापगढ़ में सालभर में चंद पर्यटक ही पाते हैं। त्योहारी सीजन और स्कूलों में अवकाश होने के बावजूद जिला पर्यटकों से महरूम ही रहा। होटल, ट्रैवल्स एजेंसी, रेस्टोरेंट खाली ही र
जय माता दी
जवाब देंहटाएंजय माता दी
जवाब देंहटाएंलोकेंद्र भाई इस बार लेख छोटा लिखा है
जवाब देंहटाएंजी भाई छोटी यात्रा छोटा लेख
जवाब देंहटाएंजीजा साले की जोडी यू ही यात्रा पर यात्रा करती रहे।
जवाब देंहटाएंचूडधार यात्रा के बाद यह भी बढिया रही।
धन्यवाद जाट भाई जी
हटाएंजय माता दी
जवाब देंहटाएंजय माता दी
हटाएंJai Mata di
जवाब देंहटाएंJai maa joganiya mata ki
जवाब देंहटाएंJai maa joganiya mata ji. Navratri ki hardik hardik subhkamnaye
जवाब देंहटाएंJai ho bhole nath teri jai ho Om namh shivay Har Har mahadev ki jai ho Om namh shivay jai joganiya mata ji
जवाब देंहटाएंJai shree gurudev bhagwan ki jai ho Om namh shivay Har Har mahadev ki jai ho Om namh shivay jai joganiya mata ji
जवाब देंहटाएंJai maa joganiya mata ji
जवाब देंहटाएंफोटो नही डाले
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